लेखनी प्रतियोगिता -20-Mar-2022
मुझे चाहिए इतना सा ही बस इतना हिंदुस्तान
मै तुमसे राधे राधे कर लू,और तुम मुझसे सलाम
नहीं कोई है धर्म संकट में ,समझना होगा ए अनजान
आओ बनाए देश को अपने फिर से अटल महान
गर्व करो इस मिट्टी पर , न्योछावर है जान
मुझे चाहिए इतना सा ही बस इतना हिंदुस्तान।
चहुं ओर छाई लालिमा,पंछी करे ठिठोली
मिलकर हम सब बोले प्रेम भाव की बोली
तुम थोड़ी सी ईद माना लो,मै पूरी सी होली
दे सकते है पुनः जगत को,नव भारत महान
मुझे चाहिए इतना सा ही ,बस इतना हिंदुस्तान।।
जीवन रूपी गहरा सागर ,सागर में ज्ञान ही ज्ञान
भटको ना तुम,द्वेष कलेश में,ये सब है व्यर्थ का गान
रहे लपेट सब अपने हित में तुमको अपनी चादर तान
कह दो उनसे नहीं चाहिए जाति धर्म का पान
मुझे चाहिए इतना सा ही बस इतना हिंदुस्तान।।
है स्वप्न यहीं के मेरे बच्चे जाने वसुधैव का मान
कुटुंबकम् पर आकर ठहरे उनके अधर और कान
इतना सुन्दर ,इतना प्यारा अपना देश महान
ना कोई छोटा ना कोई खोटा,है सबका यहां सम्मान
मुझे चाहिए बस इतना सा ही बस इतना हिंदुस्तान।।
है सर्वधर्म आदर से सुशोभित ,इस पावन धरती पर
इतिहास गलत है तो नया बना दे,ऐसा करदे काम
मै थोड़ा सा दिया जला लू,तुम रोशन कर दो रमज़ान
मुझे चाहिए बस इतना सा ही बस इतना हिंदुस्तान।।
रौशन💐
Zakirhusain Abbas Chougule
06-Apr-2022 06:46 PM
Very nice
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Shrishti pandey
21-Mar-2022 10:45 AM
Nice one
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Punam verma
21-Mar-2022 08:49 AM
Nice
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